15 March 2011
चारो और वर्ल्ड कप की धूम है..
वाह वाह
चारो और वर्ल्ड कप की धूम है..
ACP प्रदुमन कहता है "दया ये आत्महत्या नही खून हैं "
-------------------------------------------------------------
खाने में है मुर्गी की हड्डी.....
वा वा...वा वा
खाने में है मुर्गी की हड्डी.....
दया बोला ACP साब यह है खूनी की चड्डी.....
--------------------------------------------------------------------
मा कहती है बेटा सो जा नही तो गब्बर आ जाएगा........
मा कहती है बेटा सो जा नही तो गब्बर आ जाएगा........
ACP कहता है,
दया गाड़ी तेज चलाओ नही तो खूनी भाग जाएगा.....
वाह वाह
चारो और वर्ल्ड कप की धूम है..
ACP प्रदुमन कहता है "दया ये आत्महत्या नही खून हैं "
-------------------------------------------------------------
खाने में है मुर्गी की हड्डी.....
वा वा...वा वा
खाने में है मुर्गी की हड्डी.....
दया बोला ACP साब यह है खूनी की चड्डी.....
--------------------------------------------------------------------
मा कहती है बेटा सो जा नही तो गब्बर आ जाएगा........
मा कहती है बेटा सो जा नही तो गब्बर आ जाएगा........
ACP कहता है,
दया गाड़ी तेज चलाओ नही तो खूनी भाग जाएगा.....
Filed Under:
CID
14 March 2011
महबूबा के प्यार में पड़ गया पीटर
हीरो होंडा splendour 80 KM /लीटर
अगर बीमार हो तो dhundo chemist
माय नामे इस खान इ ऍम नोट अ terrorist
रात के दो बजे बजी घर की bell
चोकीदार बोला ALL IS WELL
करना पड़ता है अपने खर्चे पे काबू
एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो महेश बाबू
कॉल करने से पहले बैलेंस जाचना
बसंती इन कुत्तों के सामने मात नाचना
हीरो होंडा splendour 80 KM /लीटर
अगर बीमार हो तो dhundo chemist
माय नामे इस खान इ ऍम नोट अ terrorist
रात के दो बजे बजी घर की bell
चोकीदार बोला ALL IS WELL
करना पड़ता है अपने खर्चे पे काबू
एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो महेश बाबू
कॉल करने से पहले बैलेंस जाचना
बसंती इन कुत्तों के सामने मात नाचना
Filed Under:
हास्य कविता
09 March 2011
बच्चा दबंग देख कर आया
स्कूल में सर : बेटा तुम्हारे सरे उत्तर गलत हैं मार्क्स दे तो कैसे?
बच्चा : कमाल करते हो मास्टर जी.
मार्क्स ही तो मांग रहे हैं,
चुप चाप दे दो वरना थप्पड़ मार कर भी ले सकते हैं.
Filed Under:
Funny Jokes
08 March 2011
AN INTERESTING INTERVIEW
Interviewer :Let me check your word Power...
Sardaar :Ok Sir ....
Interviewer : Tell me the opposite of .....good.
Sardar :hmmmm..... Bad
Interviewer : Come
Sardar : Go.
Interviewer : Ugly.
Interviewer :Let me check your word Power...
Sardaar :Ok Sir ....
Interviewer : Tell me the opposite of .....good.
Sardar :hmmmm..... Bad
Interviewer : Come
Sardar : Go.
Interviewer : Ugly.
Filed Under:
Santa Banta Jokes
05 March 2011
सारी उम्र हम ऑफीस में मार गये
एक पल तो अब हूमें जीने दो
जीने दो
ना ना ना….ना ना ना….ना ना ना….ना ना नाना ना….
गिव मे सम फ्लाइट
गिव मे सम ट्रेन
गिव मे अनदर चान्स
ई वाना गो होमे वन्स अगेन
कंधों को लॅपटॉप
के बोझ ने झुकाया
क्लाइंट से झूट बोलना तो खुद
मॅनेज्मेंट ने सिखाया
4.5 या 5 रेटिंग लाओगे तो छुट्टी वरना किस्मत फूटी
काम कर कर के पड़ा उंगलियों पे
रिव्यू,मीटिंग और रेकन्साइलियेशन का छाला
इस प्रॉजेक्ट ने तो सला पूरा..
पूरा भेजा पक्का डाला
करियर तो गया
गर्लफ्रेंड भी गयी
एक पल तो अब हूमें
जीने दो जीने दो
सारी उम्र हम
ऑफीस मैं जी लिए
एक पल तो अब हूमें जीने दो
जीने दो
ना ना ना….ना ना ना….ना ना ना….ना ना नाना ना….
गिव मे सम फ्लाइट
गिव मे सम ट्रेन
गिव मे अनदर चान्स
ई वाना गो होमे वन्स अगेन
ना ना ना….ना ना ना….ना ना ना….ना ना नाना ना
एक पल तो अब हूमें जीने दो
जीने दो
ना ना ना….ना ना ना….ना ना ना….ना ना नाना ना….
गिव मे सम फ्लाइट
गिव मे सम ट्रेन
गिव मे अनदर चान्स
ई वाना गो होमे वन्स अगेन
कंधों को लॅपटॉप
के बोझ ने झुकाया
क्लाइंट से झूट बोलना तो खुद
मॅनेज्मेंट ने सिखाया
4.5 या 5 रेटिंग लाओगे तो छुट्टी वरना किस्मत फूटी
काम कर कर के पड़ा उंगलियों पे
रिव्यू,मीटिंग और रेकन्साइलियेशन का छाला
इस प्रॉजेक्ट ने तो सला पूरा..
पूरा भेजा पक्का डाला
करियर तो गया
गर्लफ्रेंड भी गयी
एक पल तो अब हूमें
जीने दो जीने दो
सारी उम्र हम
ऑफीस मैं जी लिए
एक पल तो अब हूमें जीने दो
जीने दो
ना ना ना….ना ना ना….ना ना ना….ना ना नाना ना….
गिव मे सम फ्लाइट
गिव मे सम ट्रेन
गिव मे अनदर चान्स
ई वाना गो होमे वन्स अगेन
ना ना ना….ना ना ना….ना ना ना….ना ना नाना ना
05 March 2011
गब्बर सिंह का चरित्र चित्रण
1. सादा जीवन, उच्च विचार: उसके जीने का ढंग बड़ा सरल था. पुराने और मैले कपड़े, बढ़ी हुई दाढ़ी, महीनों से जंग खाते दांत और पहाड़ों पर खानाबदोश जीवन. जैसे मध्यकालीन भारत का फकीर हो. जीवन में अपने लक्ष्य की ओर इतना समर्पित कि ऐशो-आराम और विलासिता के लिए एक पल की भी फुर्सत नहीं. और विचारों में उत्कृष्टता के क्या कहने! 'जो डर गया, सो मर गया' जैसे संवादों से उसने जीवन की क्षणभंगुरता पर प्रकाश डाला था.
२. दयालु प्रवृत्ति:ठाकुर ने उसे अपने हाथों से पकड़ा था. इसलिए उसने ठाकुर के सिर्फ हाथों को सज़ा दी. अगर वो चाहता तो गर्दन भी काट सकता था. पर उसके ममतापूर्ण और करुणामय ह्रदय ने उसे ऐसा करने से रोक दिया.
1. सादा जीवन, उच्च विचार: उसके जीने का ढंग बड़ा सरल था. पुराने और मैले कपड़े, बढ़ी हुई दाढ़ी, महीनों से जंग खाते दांत और पहाड़ों पर खानाबदोश जीवन. जैसे मध्यकालीन भारत का फकीर हो. जीवन में अपने लक्ष्य की ओर इतना समर्पित कि ऐशो-आराम और विलासिता के लिए एक पल की भी फुर्सत नहीं. और विचारों में उत्कृष्टता के क्या कहने! 'जो डर गया, सो मर गया' जैसे संवादों से उसने जीवन की क्षणभंगुरता पर प्रकाश डाला था.
२. दयालु प्रवृत्ति:ठाकुर ने उसे अपने हाथों से पकड़ा था. इसलिए उसने ठाकुर के सिर्फ हाथों को सज़ा दी. अगर वो चाहता तो गर्दन भी काट सकता था. पर उसके ममतापूर्ण और करुणामय ह्रदय ने उसे ऐसा करने से रोक दिया.
04 March 2011
बारिश मे है टपकता सारा मका हमारा
छ्हप्पर के नीचे रहता है अब करवा हमारा.
जब तक रहा विधायक मैं था फ़तह बहादुर
अब नाम ह चुका है फतु मियाँ हमारा.
गिनती के सात बच्चे अब तक तो आ चके हैं
मेहमान आने वाला है अब आठवा हमारा.
तनख़ाह जो मिली थी जुवे मे हार आए
बीवी क ख़ौफ़ से है चेहरा धुँआ हमारा.
हम भूखे मर् रहे है फिर भी ये कह रहे हैं.
सारे जहा से अच्छा हिन्दुतान हमारा
छ्हप्पर के नीचे रहता है अब करवा हमारा.
जब तक रहा विधायक मैं था फ़तह बहादुर
अब नाम ह चुका है फतु मियाँ हमारा.
गिनती के सात बच्चे अब तक तो आ चके हैं
मेहमान आने वाला है अब आठवा हमारा.
तनख़ाह जो मिली थी जुवे मे हार आए
बीवी क ख़ौफ़ से है चेहरा धुँआ हमारा.
हम भूखे मर् रहे है फिर भी ये कह रहे हैं.
सारे जहा से अच्छा हिन्दुतान हमारा
Filed Under:
हास्य कविता
01 March 2011
बीमार संता, संतानी से बोला - अब की मुझे जानवरों के डॉक्टर के पास ही ले जाना, उसी के इलाज से फर्क पड़ पायेगा।
संतानी - क्यों जी ऐसा क्यों कह रहे हो?
संता - सुबह मुर्गे की तरह उठ जाता हूं, दिन भर घोड़े की तरह यहां वहां भाग दौड़ करता हूं, दफ्तर में लोग गधे की तरह जोतते हैं, शाम को लौट कर परेशानहाल तुम सब पर कुत्ते की तरह भौंकता हूं... और रात गये एक भैंस के साथ सो जाता हूँ - ऐसे आदमी का इलाज जानवरों का डॉक्टर ही कर सकता है।
संतानी - क्यों जी ऐसा क्यों कह रहे हो?
संता - सुबह मुर्गे की तरह उठ जाता हूं, दिन भर घोड़े की तरह यहां वहां भाग दौड़ करता हूं, दफ्तर में लोग गधे की तरह जोतते हैं, शाम को लौट कर परेशानहाल तुम सब पर कुत्ते की तरह भौंकता हूं... और रात गये एक भैंस के साथ सो जाता हूँ - ऐसे आदमी का इलाज जानवरों का डॉक्टर ही कर सकता है।
Filed Under:
संता बंता
01 March 2011
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने पर मुल्ला नसरूद्दीन की बीवी से जब पूछा गया कि - आपने कैसे उस दिन उस खूंखार डाकू को आधी रात में घर में घुसने पर मार मार कर अधमरा कर दिया,
शाजिया बी बड़ी ही सहजता से बोलीं - वो बस गलतफहमी हो गई जी, मैंने सोचा आज फिर मुल्ला दारू पी कर देर से घर लौटा है।
शाजिया बी बड़ी ही सहजता से बोलीं - वो बस गलतफहमी हो गई जी, मैंने सोचा आज फिर मुल्ला दारू पी कर देर से घर लौटा है।
Filed Under:
मिया बीबी
01 March 2011
सार्वजनिक शौचालय में बैठे आदमी को साथ वाले टॉयलेट से आवाज आयी - क्या हाल हैं?
ये घबराया ..पर फिर बोला - ठीक हूं।
आवाज आयी - क्या कर रहे हो?
ये बोला - तुम्हारी तरह बैठा हुआ हूं।
आवाज आय - मैं आ जाऊं अभी तुम्हारे पास?
ये बहुत घबराया सा बोला - नहीं ।
आवाज आयी - यार मैं तुमको बाद में कॉल करता हूं... पता नहीं कौन बदतमीज दूसरे टॉयलेट से मेरी हर बात का जवाब दे रहा है।
ये घबराया ..पर फिर बोला - ठीक हूं।
आवाज आयी - क्या कर रहे हो?
ये बोला - तुम्हारी तरह बैठा हुआ हूं।
आवाज आय - मैं आ जाऊं अभी तुम्हारे पास?
ये बहुत घबराया सा बोला - नहीं ।
आवाज आयी - यार मैं तुमको बाद में कॉल करता हूं... पता नहीं कौन बदतमीज दूसरे टॉयलेट से मेरी हर बात का जवाब दे रहा है।
Filed Under:
आम जीवन के चुटकुले
01 March 2011
बकील ( अपराधी से) चाकू पर तुम्हारे उंगलियो के निशान पाऐ गये हैं। खून तुम् ने ही किया है। इस पर अपराधी बोला, बकील साहिब आप ऐसा कैसे कह सकते है कि चाकू पर मेरे उंगलियो के निशान पाऐ गये हैं? क्योकि खुन करते समय मैने तो दसताने पहन रखे थे!
Filed Under:
चोर पुलिस
01 March 2011
उस रात मैं बहुत डर रहा था
क्योंकि मैं एक कब्रिस्तान के पास से गुजर रहा था
एक तो मौसम बदहाल था
और दूसरा गर्मी से मेरा बुरा हाल था
अचानक मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं
क्योंकि मैं एक कब्रिस्तान के पास से गुजर रहा था
एक तो मौसम बदहाल था
और दूसरा गर्मी से मेरा बुरा हाल था
अचानक मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं
Filed Under:
हास्य कविता
01 March 2011
एक जगह बहुत भीड़ लगी थी
एक आदमी चिल्ला रहा था
कुछ बेचा जा रहा था
आवाज कुछ इस तरह आई
शरीर में स्फुर्ति न होने से परेशान हो भाई
एक आदमी चिल्ला रहा था
कुछ बेचा जा रहा था
आवाज कुछ इस तरह आई
शरीर में स्फुर्ति न होने से परेशान हो भाई
Filed Under:
हास्य कविता
01 March 2011
संतासिंह, उनका एक जापानी मित्र और एक ब्रिटिश घूमते हुए निर्जन टापू पर पहुंच जाते हैं। चलते-चलते उन्हें एक चिराग मिलता है। जापानी चिराग को घिसता है तो उसमें से एक जिन्न बाहर आता है। जिन्न कहता है कि मैं आप तीनों की एक-एक इच्छा पूरी करूंगा।
01 March 2011
संता सिंह एक बार ट्रक लेकर कहीं जा रहे थे। रास्ते में उनका ट्रक खराब हो
गया। संता ने ट्रक ले जाने के लिए एक दूसरे ट्रक की व्यवस्था की और अपने
ट्रक को खींचकर गैराज ले जाने लगे। रास्ते में एक ढाबे पर बंता सिंह दिखाई
दिए। बंता, संता सिंह को ट्रक ले आते देख जोर-जोर से हंसने लगा। संता ने
गुस्से में पूछा, अबे कभी तूने ट्रक नहीं देखा क्या?
'ट्रक तो देखा है, लेकिन ऐसा पहली बार देखा है कि दो ट्रक मिलकर एक रस्सी को
ले जा रहे हैं। बंता ने जवाब दिया।
01 March 2011
एक बार सुबह-सुबह एक पंडितजी गंगा -स्नान करके लौट रहे थे।सामने से एक सरदार जी दातून मुँह में लगाए टहलते आ रहे थे। दोनों की (एक की भक्ति में और दूसरे की नींद के असर में) आँखें झुकी हुई थीं। दोनों आपस में टकरा गए। पंडित जी को क्रोध आगया बोले-बिना नहाया हुआ मुझसे छू गया मुझे अशुद्ध कर दिया। सरदारजी को भी गुस्सा आ गया।बोले तो कि हो गया?
पंडितजी-तुम क्या समझोगे, कभी धर्म-पुराण पढ़े ही नहीं।
सरदारजी-ओय पंडत ज्यादा ना बन। मैंने भी सब कुछ्पढ़ रखा है।
पंडितजी- अच्छा तो पाँच-पांडवों के नाम बताओ?
सरदारजी बोले ल्य सुन!
01 March 2011
एक आदमी नाई की दुकान पर दाढ़ी बनवाने गया. जब नाई उसके चेहरे पर ब्रुश से बढ़िया क्रीम से उतनी ही बढ़िया झाग बना रहा था तो उस आदमी ने अपने चेहरे के थोड़े से पिचके गालों की ओर इशारा करते हुए बोला – मेरे गालों के इस गड्ढे के कारण दाढ़ी बढ़िया नहीं बन पाती और कुछ बाल छूट जाते हैं.
कोई बात नहीं – नाई आगे बोला – मेरे पास इसका इलाज है. उसने पास के दराज में से लकड़ी की एक गोली निकाली और उसे देते हुए बोला – इसे अपने मुंह में मसूढ़ों और गाल के बीच रख लो.
उस आदमी ने वह गोली मुँह में रख ली जिससे उसका गाल फूल गया और नाई ने उसकी शानदार, बढ़िया दाढ़ी बनाई.
यदि यह गोली गलती से पेट में चला जाए तो? उस आदमी ने कठिनाई से बोलते हुए पूछा. गोली उसके मुँह में ही फंसी थी.
Filed Under:
Funny Jokes
सोच
लड़का - “अंकल, टाइम क्या हुआ है.”
वृद्ध सज्जन – “मुझे नहीं मालूम.”
लड़का – “लेकिन आपके हाथ में घडी तो है ! प्लीज बता दीजिए न कितने बजे हैं ?”
वृद्ध सज्जन – “मैं नहीं बताऊँगा.”
लड़का – “पर क्यों ?”
वृद्ध सज्जन – “क्योंकि अगर मैं तुम्हे टाइम बता दूंगा तो तुम मुझे थैंक्यू बोलोगे और अपना नाम बताओगे. फिर तुम मेरा नाम, काम आदि पूछोगे. फिर संभव है हम लोग आपस में और भी बातचीत करने लगें. हम दोनों में जान-पहचान हो जायेगी तो हो सकता है कि ट्रेन आने पर तुम मेरी बगल वाली सीट पर ही बैठ जाओ. फिर हो सकता है कि तुम भी उसी स्टेशन पर उतरो जहां मुझे उतरना है. वहाँ मेरी बेटी, जोकि बहुत सुन्दर है, मुझे लेने स्टेशन आयेगी. तुम मेरे साथ ही होगे तो निश्चित ही उसे देखोगे. वह भी तुम्हे देखेगी. हो सकता है तुम दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठो और शादी करने की जिद करने लगो. इसलिए भाई, मुझे माफ करो …..! मैं ऐसा कंगाल दामाद नहीं चाहता जिसके पास टाइम देखने के लिए अपनी घडी तक नहीं है … !!!”