#
feed me
28 March 2011

एक रेलवे-स्टेशन  की बेंच  पर एक वृद्ध सज्जन बैठे ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे थे.  तभी एक नौजवान लड़का वहाँ आया.
लड़का - “अंकल, टाइम क्या हुआ है.”
वृद्ध सज्जन – “मुझे नहीं मालूम.”
लड़का – “लेकिन आपके हाथ में घडी तो है ! प्लीज बता दीजिए न कितने बजे हैं ?”
वृद्ध सज्जन – “मैं नहीं बताऊँगा.”
लड़का – “पर क्यों ?”
वृद्ध सज्जन – “क्योंकि अगर मैं तुम्हे टाइम बता  दूंगा  तो  तुम मुझे  थैंक्यू  बोलोगे और अपना नाम बताओगे. फिर तुम मेरा नाम, काम आदि पूछोगे.  फिर संभव है हम लोग आपस में और भी बातचीत करने लगें.  हम दोनों में जान-पहचान हो जायेगी तो  हो सकता है कि ट्रेन आने पर तुम मेरी बगल वाली सीट पर ही बैठ जाओ.  फिर हो सकता है कि तुम भी उसी स्टेशन पर उतरो जहां मुझे उतरना है.  वहाँ मेरी बेटी, जोकि बहुत  सुन्दर है, मुझे लेने स्टेशन आयेगी. तुम मेरे  साथ  ही होगे तो निश्चित ही उसे देखोगे.  वह भी तुम्हे देखेगी. हो सकता है तुम दोनों एक दूसरे को  दिल दे बैठो और शादी करने की जिद करने लगो.   इसलिए भाई, मुझे माफ करो …..!  मैं ऐसा कंगाल दामाद नहीं चाहता जिसके पास टाइम देखने के लिए अपनी घडी तक नहीं है … !!!”

23 March 2011

कंजूस बाप: कहा गये थे
बेटा: गर्ल फ्रेंड  को मिलने
बाप: कितना खर्चा किया
बेटा: 250
बाप: सिर्फ़ 250???
बेटा : पापा उसके पास उतने ही थे

17 March 2011


दिल में ग़म है इतना गहरा

दिल में ग़म है इतना गहरा

और जो जीता हुआ मैच हरा दे वो है
....
.....
.....
......
.....
आशीष नेहरा

15 March 2011

चारो और वर्ल्ड कप की धूम है..
वाह वाह

चारो और वर्ल्ड कप की धूम है..

ACP प्रदुमन  कहता है "दया ये आत्महत्या नही खून हैं "

-------------------------------------------------------------

खाने में है मुर्गी की हड्डी.....

वा वा...वा वा


खाने में है मुर्गी की हड्डी.....

दया बोला  ACP साब यह है खूनी की चड्डी.....
--------------------------------------------------------------------
मा कहती है बेटा सो जा नही तो गब्बर आ जाएगा........

मा कहती है बेटा सो जा नही तो गब्बर आ जाएगा........

ACP कहता है,
दया गाड़ी तेज चलाओ नही तो खूनी भाग जाएगा.....

Filed Under:
14 March 2011

महबूबा के प्यार में पड़ गया पीटर
हीरो होंडा splendour 80 KM /लीटर 

अगर बीमार हो तो dhundo  chemist 
माय नामे इस खान इ ऍम नोट अ terrorist

रात के दो बजे बजी घर की bell
चोकीदार बोला ALL IS WELL

करना पड़ता है अपने खर्चे पे काबू 
एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो महेश बाबू

कॉल करने से पहले बैलेंस जाचना 
बसंती इन कुत्तों के सामने मात नाचना

 

11 March 2011

संता हवाई जहाज में pilot  का headphone  छीन रहा था
Pilot - ये क्या कर रहा है
संता - साले टिकट हम ले और गाने तुम सुनो

10 March 2011

पत्नी: मैने आज सपनो मे देखा है कि तुम मेरे लिए हीरों का हार लाए हो, इस सपने का क्या मतलब है?
पति: आज शाम को बताऊगा। शाम को पति ने एक पैकेट पत्नी को लाकर दिया। पत्नी ने खुशी-खुशी पैकेट खोला तो उस मे एक किताब निकली । किताब का नाम था, 'सपनो का मतलब' ।

09 March 2011

बच्चा दबंग देख कर आया
स्कूल में सर : बेटा तुम्हारे सरे उत्तर गलत हैं मार्क्स दे तो कैसे?
बच्चा : कमाल करते हो मास्टर जी.
मार्क्स ही तो मांग रहे हैं,
चुप चाप दे दो वरना थप्पड़ मार कर भी ले सकते हैं.

08 March 2011

AN INTERESTING INTERVIEW 
Interviewer :Let me check your word Power...

Sardaar :Ok Sir ....

Interviewer : Tell me the opposite of .....good.

Sardar :hmmmm..... Bad

Interviewer : Come

Sardar : Go.

Interviewer : Ugly.

05 March 2011

सारी उम्र हम ऑफीस में मार  गये 
एक पल तो अब हूमें जीने दो  
जीने दो  
 
ना ना ना….ना ना ना….ना ना ना….ना ना नाना ना….  
 
गिव मे सम फ्लाइट  
गिव मे सम ट्रेन  
गिव मे अनदर चान्स  
ई वाना गो होमे वन्स अगेन  
कंधों को लॅपटॉप  
के बोझ ने  झुकाया 
क्लाइंट से झूट बोलना तो  खुद 
मॅनेज्मेंट ने  सिखाया  
 
4.5 या 5 रेटिंग लाओगे तो छुट्टी वरना किस्मत  फूटी 
काम कर कर के पड़ा उंगलियों  पे 
रिव्यू,मीटिंग और रेकन्साइलियेशन का  छाला  

इस प्रॉजेक्ट ने तो सला पूरा..  
पूरा भेजा पक्का  डाला  
 
करियर  तो गया 
गर्लफ्रेंड भी  गयी 
एक पल तो अब  हूमें 
जीने दो जीने दो  
 
सारी उम्र हम  
ऑफीस मैं जी  लिए 
एक पल तो अब हूमें जीने दो  
जीने दो  
 
ना ना ना….ना ना ना….ना ना ना….ना ना नाना ना….  
 
गिव मे सम फ्लाइट  
गिव मे सम ट्रेन  
गिव मे अनदर चान्स  
ई वाना गो होमे वन्स अगेन  
 
ना ना ना….ना ना ना….ना ना ना….ना ना नाना ना

गब्बर सिंह का चरित्र चित्रण

1. सादा जीवन, उच्च विचार: उसके जीने का ढंग बड़ा सरल था. पुराने और मैले कपड़े, बढ़ी हुई दाढ़ी, महीनों से जंग खाते दांत और पहाड़ों पर खानाबदोश जीवन. जैसे मध्यकालीन भारत का फकीर हो. जीवन में अपने लक्ष्य की ओर इतना समर्पित कि ऐशो-आराम और विलासिता के लिए एक पल की भी फुर्सत नहीं. और विचारों में उत्कृष्टता के क्या कहने! 'जो डर गया, सो मर गया' जैसे संवादों से उसने जीवन की क्षणभंगुरता पर प्रकाश डाला था.

. दयालु प्रवृत्ति:ठाकुर ने उसे अपने हाथों से पकड़ा था. इसलिए उसने ठाकुर के सिर्फ हाथों को सज़ा दी. अगर वो चाहता तो गर्दन भी काट सकता था. पर उसके ममतापूर्ण और करुणामय ह्रदय ने उसे ऐसा करने से रोक दिया.

बारिश मे है टपकता सारा मका हमारा
छ्हप्पर के नीचे रहता है अब करवा हमारा.
जब तक रहा विधायक मैं था फ़तह बहादुर
अब नाम ह चुका है फतु मियाँ हमारा.
गिनती के सात बच्चे अब तक तो आ चके हैं
मेहमान आने वाला है अब आठवा हमारा.
तनख़ाह जो मिली थी जुवे मे हार आए
बीवी क ख़ौफ़ से है चेहरा धुँआ हमारा.
हम भूखे मर् रहे है फिर भी ये कह रहे हैं.
सारे जहा से अच्छा हिन्दुतान  हमारा

03 March 2011







 मैच का सीधा प्रसारण







 तेरी ऐसी की तैसी




रुक जाओ यमराजआखिरी बाल है  

01 March 2011

बीमार संता, संतानी से बोला - अब की मुझे जानवरों के डॉक्टर के पास ही ले जाना, उसी के इलाज से फर्क पड़ पायेगा।
संतानी - क्यों जी ऐसा क्यों कह रहे हो?
संता - सुबह मुर्गे की तरह उठ जाता हूं, दिन भर घोड़े की तरह यहां वहां भाग दौड़ करता हूं, दफ्तर में लोग गधे की तरह जोतते हैं, शाम को लौट कर परेशानहाल तुम सब पर कुत्ते की तरह भौंकता हूं... और रात गये एक भैंस के साथ सो जाता हूँ - ऐसे आदमी का इलाज जानवरों का डॉक्टर  ही कर सकता है।

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने पर मुल्ला नसरूद्दीन की बीवी से जब पूछा गया कि - आपने कैसे उस दिन उस खूंखार डाकू को आधी रात में घर में घुसने पर मार मार कर अधमरा कर दिया,
शाजिया बी बड़ी ही सहजता से बोलीं - वो बस गलतफहमी हो गई जी, मैंने सोचा आज फिर मुल्ला दारू पी कर देर से घर लौटा है।

सार्वजनिक शौचालय में बैठे आदमी को साथ वाले टॉयलेट से आवाज आयी -  क्या हाल हैं?
ये  घबराया ..पर फिर बोला - ठीक हूं।
आवाज आयी - क्या कर रहे हो?
ये बोला - तुम्हारी तरह बैठा हुआ हूं।
आवाज आय - मैं आ जाऊं अभी तुम्हारे पास?
ये बहुत घबराया सा बोला - नहीं ।
आवाज आयी - यार मैं तुमको बाद में कॉल करता हूं... पता नहीं कौन बदतमीज दूसरे टॉयलेट से मेरी हर बात का जवाब दे रहा है।

एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा - हूर ,परी और चुड़ैल लाओ . दूसरे दिन बीरबल ने एक वेश्या और अपनी स्त्री को लेकर जब दरबार में पहुंचे तो कहा - हुजूर !

बकील ( अपराधी से) चाकू पर तुम्हारे उंगलियो के निशान पाऐ गये हैं। खून तुम् ने ही किया है। इस पर अपराधी बोला, बकील साहिब आप ऐसा कैसे कह सकते है कि चाकू पर मेरे उंगलियो के निशान पाऐ गये हैं? क्योकि खुन करते समय मैने तो दसताने पहन रखे थे!

उस रात मैं बहुत डर रहा था
क्योंकि मैं एक कब्रिस्तान के पास से गुजर रहा था
एक तो मौसम बदहाल था
और दूसरा गर्मी से मेरा बुरा हाल था
अचानक मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं

एक जगह बहुत भीड़ लगी थी
एक आदमी चिल्ला रहा था
कुछ बेचा जा रहा था
आवाज कुछ इस तरह आई
शरीर में स्फुर्ति न होने से परेशान हो भाई

वकील - नौ जुलाई की रात आठ बजे तुम क्या कर रहे थे?

गवाह - अपनी बीवी के हाथ का गर्मागर्म खाना खा रहा था।

वकील - और नौ बजे क्या कर रहे थे?

गवाह - पेटदर्द से कराह रहा था।

वकील - कौन यकीन करेगा तुम्हारी इस बात पर।

गवाह - आप यकीन करेंगे, जिस दिन मेरी बीवी के हाथ का खाना खा लेंगे।

संतासिंह, उनका एक जापानी मित्र और एक ब्रिटिश घूमते हुए निर्जन टापू पर पहुंच जाते हैं। चलते-चलते उन्हें एक चिराग मिलता है। जापानी चिराग को घिसता है तो उसमें से एक जिन्न बाहर आता है। जिन्न कहता है कि मैं आप तीनों की एक-एक इच्छा पूरी करूंगा।
जापानी कहता है कि मैं अपने घर वापस जाना चाहता हूं। जिन्न हाथ घुमाता है और वो घर पहुंच जाता है। ब्रिटिश भी अपने घर जाने की इच्छा रखता है और वह भी घर पहुंच जाता है। संतासिंहजी सोच में पड़ जाते हैं और अपनी इच्छा बताते हुए कहते हैं कि भई, उन दोनों के जाने से मैं तो अकेला पड़ गया, तुम ऐसा करो उन दोनों को वापस बुला लो। जिन्न हाथ घुमाता है और वो दोनों वापस जाते हैं।

संता सिंह एक बार ट्रक लेकर कहीं जा रहे थे। रास्ते में उनका ट्रक खराब हो
गया। संता ने ट्रक ले जाने के लिए एक दूसरे ट्रक की व्यवस्था की और अपने
ट्रक को खींचकर गैराज ले जाने लगे। रास्ते में एक ढाबे पर बंता सिंह दिखाई
दिए। बंता, संता सिंह को ट्रक ले आते देख जोर-जोर से हंसने लगा। संता ने
गुस्से में पूछा, अबे कभी तूने ट्रक नहीं देखा क्या?
'ट्रक तो देखा है, लेकिन ऐसा पहली बार देखा है कि दो ट्रक मिलकर एक रस्सी को
ले जा रहे हैं। बंता ने जवाब दिया।

एक बार सुबह-सुबह एक पंडितजी गंगा -स्नान करके लौट रहे थे।सामने से एक सरदार जी दातून मुँह में लगाए टहलते आ रहे थे। दोनों की (एक की भक्ति में और दूसरे की नींद के असर में) आँखें झुकी हुई थीं। दोनों आपस में टकरा गए। पंडित जी को क्रोध आगया बोले-बिना नहाया हुआ मुझसे छू गया मुझे अशुद्ध कर दिया। सरदारजी को भी गुस्सा आ गया।बोले तो कि हो गया?
पंडितजी-तुम क्या समझोगे, कभी धर्म-पुराण पढ़े ही नहीं।
सरदारजी-ओय पंडत ज्यादा ना बन। मैंने भी सब कुछ्पढ़ रखा है।
पंडितजी- अच्छा तो पाँच-पांडवों के नाम बताओ?
सरदारजी बोले ल्य सुन!
सरदारजी-इक पीम, इकोदा भाई, इक होर, इक होर ते इक्दा नाम बुल्य ग्या।

एक आदमी नाई की दुकान पर दाढ़ी बनवाने गया. जब नाई उसके चेहरे पर ब्रुश से बढ़िया क्रीम से उतनी ही बढ़िया झाग बना रहा था तो उस आदमी ने अपने चेहरे के थोड़े से पिचके गालों की ओर इशारा करते हुए बोला मेरे गालों के इस गड्ढे के कारण दाढ़ी बढ़िया नहीं बन पाती और कुछ बाल छूट जाते हैं.
कोई बात नहीं नाई आगे बोला मेरे पास इसका इलाज है. उसने पास के दराज में से लकड़ी की एक गोली निकाली और उसे देते हुए बोला इसे अपने मुंह में मसूढ़ों और गाल के बीच रख लो.
उस आदमी ने वह गोली मुँह में रख ली जिससे उसका गाल फूल गया और नाई ने उसकी शानदार, बढ़िया दाढ़ी बनाई.
यदि यह गोली गलती से पेट में चला जाए तो? उस आदमी ने कठिनाई से बोलते हुए पूछा. गोली उसके मुँह में ही फंसी थी.
कोई बात नहीं नाई बोला कल लेते आना. जैसे कि बहुत से लोग अब तक लेते आए.